How to Start Medical Store Business in Hindi?

सर दर्द हो या बदन दर्द किसी फॅमिली मेंबर को बुखार आया हो या प्रेसर की दवाई लेनी हो कॉमन प्रॉब्लम से लेकर सीरिअस बीमारी तक हम आये दिन किसी न किसी मेडिकल शॉप पर तो जाते ही है और रियालिटी ये है की कोई किसी भी पोजीशन पे क्यों न हो दवाई लेने के लिए वो कोम्प्रोमाईज़ नहीं कर सकता क्युकी ये दवाइया ही है जो हमें सुरक्षित रहने में मदद करती है। 

कैसे आप अपना मेडिकल शॉप का बिज़नेस कैसे सुरु कर सकते है?, मेडिकल स्टोर खोलने के लिए कौन सी डिग्री चाहिए?, मेडिकल लाइसेंस के लिए क्या करे?, रिटेल मेडिकल स्टोर खोलने के लिए कौन सा व्यावसायिक संगठन उपयुक्त होगा?, बिना डिग्री के मेडिकल स्टोर कैसे खोलें?

दवाइया इसेंसियल चीजों में काउंट होती है और न ही इनकी सर्विस बंध होती है और न हीं हम उन्हें खरीदना बंध करते है। इसी लिए दवाइयों का बिज़नेस एक एवर ग्रीन बिज़नेस है। कई बार किसी छोटे लोकैलिटी और गांव में भी दवाई की दुकान दिख जाती है और आज इस प्रोस्टार सपोर्ट के इस मेसेज में बताया जायेगा की कैसे आप अपना मेडिकल शॉप का बिज़नेस कैसे सुरु कर सकते है? तो दोस्तों चलिए जानते है। 

Market Size of Medical Business 

इंडिया की डोमेस्टिक फरमासुइटीकल मार्केट की बात करे तो फाइनेंसियल ईयर 2021 में ये लगभग 42 मिलियन डॉलर की थी जो लगभग 2024 तक 65 बिलियन डॉलर और 2030 तक लगभग 120 से 130 बिलियन डॉलर तक पहोच सकती है। अब बात करते है !

आप कैसे अपना मेडिकल शॉप का बिज़नेस खोल सकते है?

1> सबसे पहले बिज़नेस का टाइप डिसाइड कीजिए !

आप सोच रहे होंगे की मेडिकल में भी अलग अलग टाइप होते है क्या जवाब है है ! जैसे की 

हॉस्पिटल मेडिकल स्टोर ये किसी हॉस्पिटल या नर्सिंग होम में होता है। जब भी आप किसी हॉस्पिटल या नर्सिंग होम में जाते है तो वहा अपने ऐसे मेडिकल स्टोर जरूर देखे होंगे जो हॉस्पिटल के डॉक्टर द्वारा लिखे गए प्रिस्क्रिप्शन के अकोर्डिगली दवाई देते है। ऐसे मेडिकल स्टोर को हॉस्पिटल के प्रेमाइसिस में खोलने के लिए हॉस्पिटल का परमिशन लेनी होती है। और काफी हद तक आपको हॉस्पिटल के नियम मान कर चलना पड़ता है।

स्टैंडलोन मेडिकल स्टोर ये मेडिकल स्टोर पूरी तरीके से आपके कण्ट्रोल में होता है और ये इंडिविजुअल बिज़नेस होता है। इसे आप अपने घर में, मार्किट में, किसी चौक चोराये पे, किसी लोकैलिटी में या किसी दूसरे शहेर में खोल सकते है। 

टाउनशिप मेडिकल स्टोर इस तरह के मेडिकल स्टोर अक्सर नये टाउनशिप, रेसीडेंशल अपार्टमेंट, या मल्टी स्टोरी फ्लैट में होते है। इसके अलावा भी गवर्नमेंट एरिया, कन्टोन्मेंट एरिया या किसी गवर्नमेंट कॉलोनी में भी आप मेडिकल स्टोर खोल सकते है। 

License and Legal Formalities 

मेडिकल स्टोर खोलने के लिए सबसे पहले आपको अपने राज्य के ड्रग्स कंट्रोलर डिपार्टमेंट में एक एप्लीकेशन देना होता है जिसके साथ दुकान का ब्लू प्रिंट, बिज़नेस टाइप डिक्लेरेशन एंड चालान फीस जमा करनी होती है। जिस भी नाम पे आप दुकान रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते है वो नाम देना पड़ेगा। ध्यान रखिएगा की ये नाम किसी दूसरे मेडिकल स्टोर से मैच न करे या आसपास २० किमी के एरिया में ऐसा नाम किसी मेडिकल स्टोर का न हो। एप्लीकेशन के वक्त आपको सभी गवर्नमेंट में आइडेंटिफाई प्रूफ और एड्रेस प्रूफ भी देना होता है और इनके अलावा भी रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट का एफिडेविड और अपॉइंटमेंट लेटर जो आपकी शॉप पे फुल टाइम काम करेगा। जहा दुकान खोला जा रहा है अगर वो जगह आपकी है या फिर वो रेंट पे ले रहे है उसका ओनरशिप डॉक्यूमेंट जिसके नाम पे ले रहे है बिज़नेस खुलने वाला है उसके नाम देसिग्नेशन और सिग्नेचर के साथ एक कवरिंग लेटर जैसी चीज देनी पड़ती है। 

एप्लीकेशन के लिए आपको अपने नेअरेस्ट या डिस्ट्रिक्ट ड्रग कण्ट्रोल ऑफिस से संपर्क करना चाइये या किसी मेडिकल स्टोर पे आपकी जान पहचान है तो वह पे भी पूछ सकते है। सबसे बेहतर होगा की आप गूगल पे सर्च करे एप्लीकेशन फॉर ड्रग कण्ट्रोल डिपार्टमेंट तो आपको अपने राज्य की गवर्नमेंट के वेबसाइट का लिंक मिलेगा वहा से आप सब इनफार्मेशन, फीस और डॉक्यूमेंटेशन की लिंक ले सकते है। इसके अलावा भी आप जीएसटी और ट्रेड लाइसेंस ले सकते है। साथ ही अगर मेडिकल स्टोर पे बेबी फ़ूड और फ़ूड आइटम रखने वाले है तो आपको फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया की तरफ से फ़ूड लाइसेंस लेना होगा। 

दवाई की शॉप ओपन करने के लिए आपको इन चीजों की जरुरत होती है। 

1. फार्मासिस्ट - जो क्वालिफाइड होना चाइये और जिसके पास फार्मासिस्ट का लाइसेंस होना चाइये क्वालिफाइड फार्मासिस्ट के पास बी.फार्मा और एम्.फार्मा की डिग्री होनी चाइये। 

2. लैंड रजिस्ट्रेशन - यानि जिस जमीं पे दवाई की दुकान खुलेगी वो या तो आपकी होनी चाइये या फिर रेंटेड दोनों कंडीशन में मेडिकल के तोर पर लैंड रजिस्ट्रेशन होना चाइये इस प्रोसेस में आप लीगल एक्सपर्ट की हेल्प ले सकते है। 

3. इन्वेस्टमेंट - एक मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आपके पास कम से कम 5 लाख तो होने ही चाइये क्युकी दवाई महंगी होती है इसी लिए कम इन्वेस्टमेंट में स्टॉक कम और व्होलसेल में जायेंगे तो आपको कई गुना ज्यादा इन्वेस्टमेंट करना होगा। 

कुल मिलाकर लाइसेंस फीस, स्टॉक, शॉप कंस्ट्रक्शन, कम से कम एक या दो स्टाफ, मेंटेनन्स, इलेक्ट्रिसिटी जैसी चीजों के लिए इन्वेस्टमेंट तो करना ही होगा अगर आपके पास कैपिटल की कमी है तो आप लोन के लिए भी अप्लाई कर सकते है। लोन के लिए आपका इंडियन सिटीजन होना जरुरी है आपकी उम्र 25 से 66 साल के बिच की होनी चाइये। अपने नजदीकी किसी भी बैंक में आप बिज़नेस लोन के लिए अप्लाई कर सकते है। 

बिज़नेस लोन के लिए आइडेंटिटी प्रूफ, ऐज प्रूफ, प्रूफ ऑफ़ रेजिडेंस, आईटीआर और बैंक स्टेटमेंट सोल प्रोपराइटर के लिए प्रूफ फ़ो रेजिडेंस और आइडेंटिटी प्रूफ की जरुरत पड़ती है। 

Space for shop

मेडिकल शॉप खोलने के लिए आपको उसके कंस्ट्रक्शन पे काफी ज्यादा ध्यान देना पड़ता है ताकि दवाइया रखने के लिए शोकेस और स्टोरेज कुछ इस तरह से बना होना चाइये ताकि ज्यादा से ज्यादा चीजों को रखा जा सके। इसके अलावा ओनर ऑफ़ स्टाफ को बैठने की जगह, पेसन्ट आते है तो उसके लिए सिटींग की अरेंजमेंट, डॉक्टर चेम्बर, रेफ्रीजिरेटर, कंप्यूटर ऑफ़ पंचिंग डब्बे वाली चीजों को रखने का भी सही इंतजाम होना चाइये। अगर साइज छोटी है तो अपने शॉप के बाजु में भी थोड़ी जगह हो तो ले लेनी चाइये जो स्टोर रूम का भी काम करेगा और एक डॉक्टर के लिए चैम्बर भी बनवा सकते है। स्टोर रूम में अच्छी सुविधा होनी चाइये ताकि स्टोर रूम खूबसूरत दिखे और आप अपना काम अच्छे से कर सके। 

Doctor appointment in Medical Shop

अक्सर ऐसा होता है की मेडिकल स्टोर पे एक या उससे ज्यादा डॉक्टर डेली या वीकली बेसिस पे बैठते है। लोग आते है और डॉक्टर से कंसल्ट करते है। डॉक्टर से मिली फीस उनकी रहती है। डॉक्टर से दिखाने के बाद अक्सर पेसन्ट उसी शॉप से ही दवाई लेते है। ऐसे में मेडिकल  स्टोर की सेल बढ़ती है। अगर आपके राज्य में मेडिकल स्टोर पे डॉक्टर बैठाने की परमिशन है तो खुसी की बात है अगर नहीं तो आप अपने मेडिकल स्टोर के आसपास कोई चैम्बर बनवा कर डॉक्टर की सीटिंग अरेंजमेंट का इंतजाम कर सकते है। 

Staff in Medical Shop

अगर आपकी शॉप छोटी है तो आप कम से कम एक स्टाफ तो रख ही  सकते है और अगर आपका स्टोर बड़ा है तो काफी लोग दवाई लेते है तो कम से कम तीन स्टाफ की जरुरत पड़ेगी ही और उनका एक्सपीरियंस भी होना जरुरी है ताकि अच्छे से दवाई दे सके। 

स्टाफ को दवाइओ की अच्छी जानकारी होना दवाइयों का अच्छे से कॉम्बिनेशन आपके लिए बेनिफिशियल होगा। स्टाफ का कस्टमर के साथ अच्छे से बिहेव करना भी आपके बिज़नेस को बढ़ाएगा। स्टाफ की ही जिम्मेदारी होगी की वो दुकान पे दवाइयों के स्टॉक को मेन्टेन करे। जो दवाइया ख़तम हो रही है या आर्डर वाली दवाई की लिस्ट तैयार रखे ताकि हफ्ते में एक बार या दो बार उसकी मार्केटिंग हो सके। मार्केटिंग के बाद दवाइयों को मेडिकल स्टोर पे सजाने की जिम्मेदारी भी फिक्स कर दे ताकि शॉप वेल मैनेज्ड रह और चीजे ढूंढने पे मिल जाये। 

Medical supplier

अपनी दवाई की दुकान पे स्टॉक लेने के लिए आपको अच्छे खासे सप्लायर की जरुरत पड़ेगी जो आपको कम रेट पे दवाई दे सके इसके लिए आपको अपने लोकैलिटी में व्होलेसलेर और सप्लायर से कांटेक्ट करना होगा क्युकी जितने कम कीमत पे आपको दवाई मिलेगी उतना ही आपका प्रॉफिट रहेगा। याद रखिएगा दवाइयों का बिज़नेस कोई 9 से 5 की जॉब नहीं है। मेडिकल शॉप लगभग सुबह 8 बजे खुल जाना चाइये और रत को 9 बजे तक खुल्ला रहना चाइये। 

साथ ही कई बार ऐसा होता है की आपके एरिया में आपकी ही एक शॉप है तो आपको कभी इमरजेंसी में या रात को भी शॉप खोलनी पड़ सकती है। तो आपको इसके लिए भी तैयार रहना पड़ेगा। 

Beauty products & food Items in Medical Shop

मेडिकल शॉप पे अक्सर आपने देखा होगा की बेबी फ़ूड, कॉस्मेटिक, ब्यूटी प्रोडक्ट, ड्रिंकिंग वाटर, चॉकलेट और चिप्स भी होते है और ये काफी कॉमन है और आप भी इसे अपने दुकान पे रख सकते है और इन पर अच्छा मार्जिन मिल जाता है। 

अब ध्यान देने वाली बाते 

मेडिकल शॉप खोलने  पे आपको ध्यान में रखना है की कोई भी व्यक्ति ऐसी कोई दवाई की डिमांड कर रहा है जो सिर्फ डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पे ही देना चाइए तो उसे बिना प्रिस्क्रिप्शन दवाई मत दीजिए साथ ही नशीली प्रोडक्ट रखने से बचिए। हमेसा चेक करते रहिए की उसकी एक्सपाइरी कब है और उन्हें एक्सपाइरी वाली दवाई देने से बचिए।  

कई बार एक फॉर्मूले वाली दवाई होती है और उनमेसे कोई दवाई चार महीने में एक्सपायर हो जाएगी तो उन्हें जल्दी डिलीवर कीजिए और सभी डॉक्यूमेंट का ध्यान रखिए जिसे अपडेट रखना पड़ता है और रिन्यू करवाते रहिए। क्युकी मेडिकल शॉप पे भी चेकिंग होती रहती है इसी लिए कोई डॉक्यूमेंट फेक निकला तो भारी जुरमाना भरना पड़ता है। 

Maintain Register for Business

जब भी कोई व्यक्ति बिज़नेस करने उतरता है तो लोग उधार मैग ही लेते है मेडिकल शॉप में भी ऐसा ही होता है लेकिन दवाइया महंगी आती है। इसी लिए कोई व्यक्ति थोड़ा सा सामान भी क्रेडिट पे लेता है तो काफी बिल बनता है इसी लिए रजिस्टर मेन्टेन कीजिए और जो भी क्रेडिट पे लेता है तो उसे डेट वाइज अमाउंट के साथ रजिस्टर कीजिए। जब भी बिल लम्बा चौड़ा हो जाये तो पहले अगला बिल चुकाने को बोले। 

Billing software for Medical Shop

अगर आपके मेडिकल शॉप पे बहोत भीड़ रहती है और बहोत सारे कस्टमर आते है तो बिलिंग सॉफ्टवेयर भी ले सकते है। और प्रिंटेड बिल अपने कस्टमर को दे सकते है। जाहिर है की 10 20 रुपए की बिल बनाने की जरुरत आपको नहीं पड़ेगी। 

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अगर आपने अपने एरिया में नया मेडिकल स्टोर सुरु किया है तो आप लोकल न्यूज़ और सोशल मीडिया पे चलने वाले न्यूज़ चैनल पे भी अपने बिज़नेस को ऐडवर्टाइस करवा सकते है। और उसके अलावा भी आप एमआरपी पे भी डिस्काउंट दे सकते है और लार्ज स्केल पे कस्टमर ले सकते है। अगर आपकी लोकालिटी में कोई एमआरपी पे डिस्काउंट नहीं दे रहा और आप एक ऐसे है तो इससे आपको बिज़नेस में फायदा होगा। 

अगर आपके एरिया में कोई डायग्नोस्टिक सेण्टर नहीं है और लोगो को टेस्ट करवाने के लिए बहार जाना पड़ता है तो आपको किसी डायग्नोस्टिक सेण्टर से टाइप कर लीजिए और सेम्पल कलेक्ट करवाइये, वहा से लोग आएंगे और सैंपल लेके जायेंगे इससे भी आपकी शॉप की पॉपुलारिटी बढ़ेगी और आपके शॉप का प्रॉफिट बढ़ेगा। 

मेडिकल शप से लगती सभी जानकारी हमने इस मेसेज में दे दी है बाकि आप अपने से भी रिसर्च कर सकते है और आपकी नॉलेज हमेसा आपकी हेल्प करेगी। अगर मेसेज पसंद आया है तो इसे आगे भी शेयर कीजिए। 

धन्यवाद !

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